सुख दुःख के साथी कृष्णा-सुदामा की जोड़ी थी बड़ी बेमिसाल एक था ब्राहमण का छोरा तो दूजा द्वारका का राजा, एक झोपड़ी का रहने वाला तो दूजा महलों का नदंलाल, नहीं पड़ा कोई प्रभाव स्वार्थता का,रहा सदा निस्वार्थ भाव, सुख-दु:ख के दोनों साथी,थी डोर बड़ी अटूट विश्वासी, बचपन के थे दोनों साथी गुरुकुल की शान थे, रहते संग हर पल दोनों सुख दुःख होते साँझा दोनों के साथ थे, एक को होता दु:ख तो दूजे को पीड़ा सताती मित्रता की मिसाल बन सुख दुःख के साथी का कर गये दोनों अमर कहानी। 22.सुख दुःख के साथी..03.05.2021 #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #KKr2021 #kkसुखदुखकेसाथी #tarunasharma0004 #yourquotedidi