जिंदगी से कुछ यू रूठा कि खुद से नफरत सी हो गई है अब तो तन्हा रहने की आदत सी हो गई है जिनसे थी हमको उम्मीदें अब तो उनसे शिकायत सी हो गई है के तन्हाइयों ने कुछ यूं घेरा अब तो तन्हा रहने की आदत सी हो गई है ऐ परम ©paramjit singh paramjit singh #lonely तनहाइयां