सनातन धर्म के अनुसार चैत्र शुल्क प्रति बाद से भारतीय नववर्ष का आरंभ होता है इसके स्वागत में हमें यह भी समरण रखना चाहिए कि हमें अपनी संस्कृति से परिचय करने और उसकी महत्व रेखांकित करने का भी अवसर उपलब्ध करा दें इसी दिन ब्राह्मण की उत्पत्ति का भी दिन माना जाता है सृष्टि की उत्पत्ति के प्रथम दिन से ही भारतीय संस्कृति में नववर्ष मनाने की परंपरा यह नव वर्ष विश्व समाज में मनाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के नए वर्ष में अलग स्वयं को आध्यात्मिक रहस्य समेटे हुए भारतीय नव वर्ष रात भर जगा के नाच गाने का उत्तर नहीं है वास्तव में यह सब उत्साह प्रकृति के सामान्य साबित कर के लिए जीवन की कामना और प्राकृतिक में होने वाले परिवर्तन में बैठाने के साथ-साथ उनके अनुसार स्वयं को ढालने का संदेश देता है इसलिए यह सब लेने की साधना करने का दिन है संकल्प और साधना के लिए ही नवरात का प्रोग्राम किया गया सृष्टि के साथ अपना एक अभिव्यक्त सारी सुनाता अनुभव करने का भाव हरमन में भर जाता है इस दिन सूरज के स्वर्ण किरणों सभी को स्नेह से चलाते हुए मानव जीवन के रहस्य को समझने का संकेत करती है जिसके हलिया पृथ्वी पर आए हैं ©Ek villain #सृष्टि का साधन है नवरात्रि #navratri