अथक परिश्रम से संभव है, मरुधर पुष्प खिलाना । सागर के ऊपर पाहन से, संभव सेतु बनाना । कुम्भकर्ण को भी संभव है, मित्र जगाना लेकिन । सोने का जो किये बहाना, दुष्कर उसे जगाना । ©Rajan Bhadauriya #बहाना Priya Singh SHANU KI सरगम Vimlesh Miledar Saroj Pinki Ji Pinki Ji