भी कितना सुंदर है, जहां तेरा मेरा, हमारा इक घर है। घर के आगे आंगन है हरा भरा, खेल रहें है बच्चे संग में कुत्ता प्यारा सा। मां बाप हम दोनों के देख रहें है सूर्यास्त, कुछ इसी तरह बीत रही हमारी ज़िन्दगी मस्त।। सपनों का शहर भी कितना सुंदर है, जहां तेरा मेरा, हमारा इक घर है। घर के आगे आंगन है हरा भरा, खेल रहें है बच्चे संग में कुत्ता प्यारा सा। मां बाप हम दोनों के देख रहें है सूर्यास्त, कुछ इसी तरह बीत रही हमारी ज़िन्दगी मस्त।। _______________________________________