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उस रात बरसों बाद छत पे गया चांद मिला उदास सा चा

उस रात बरसों बाद
 छत पे गया
 चांद मिला उदास सा
 चांदनी पड़ी मुरझाईं
 सितारे टिमटिमाते
 आंसूओं की परछाई
 इक सितारे ने देखा मुझे
 हाथ हिला, मुस्कराया
 कैसे हो? भूल गए ना मुझे
 याद है बचपन में तुम और हम
 ख़ूब खेला करते थे
 तुम मुठ्ठी में जुगनू पकड़ कहते
 देख देख तुम्हे पकड़ लिया
 हम जी भर भर हसा करते 
दोस्त
 तुम्हें पता नहीं क्या हो गया है
मैं आंखों में आंसू भरे
 खुद से पूछता रहा
 मैं कहां खो गया? #yqसितारे
#yqरात
#yqquotes
#yqकुलभूषणदीप

उस रात बरसों बाद
 छत पे गया
 चांद मिला उदास सा
उस रात बरसों बाद
 छत पे गया
 चांद मिला उदास सा
 चांदनी पड़ी मुरझाईं
 सितारे टिमटिमाते
 आंसूओं की परछाई
 इक सितारे ने देखा मुझे
 हाथ हिला, मुस्कराया
 कैसे हो? भूल गए ना मुझे
 याद है बचपन में तुम और हम
 ख़ूब खेला करते थे
 तुम मुठ्ठी में जुगनू पकड़ कहते
 देख देख तुम्हे पकड़ लिया
 हम जी भर भर हसा करते 
दोस्त
 तुम्हें पता नहीं क्या हो गया है
मैं आंखों में आंसू भरे
 खुद से पूछता रहा
 मैं कहां खो गया? #yqसितारे
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#yqकुलभूषणदीप

उस रात बरसों बाद
 छत पे गया
 चांद मिला उदास सा