उस रात बरसों बाद छत पे गया चांद मिला उदास सा चांदनी पड़ी मुरझाईं सितारे टिमटिमाते आंसूओं की परछाई इक सितारे ने देखा मुझे हाथ हिला, मुस्कराया कैसे हो? भूल गए ना मुझे याद है बचपन में तुम और हम ख़ूब खेला करते थे तुम मुठ्ठी में जुगनू पकड़ कहते देख देख तुम्हे पकड़ लिया हम जी भर भर हसा करते दोस्त तुम्हें पता नहीं क्या हो गया है मैं आंखों में आंसू भरे खुद से पूछता रहा मैं कहां खो गया? #yqसितारे #yqरात #yqquotes #yqकुलभूषणदीप उस रात बरसों बाद छत पे गया चांद मिला उदास सा