मुझसे जो हो सकता था वह मैंने किया . तुम नहीं मानी यह तुम्हारी मर्जी थी . अब कहती हो मुझे भूल जाओ , यह मुझसे हो नहीं सकता .अगर तुम्हें एतराज हो तो तुम मुझे सजा सजा-ए-मौत सुना दो. मौत बेहतर होगी तुझे भूल जाने से.. 33