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न पूछ मेरे दर्द को।। ए मुसाफिर । मैंने चलत

न पूछ मेरे दर्द को।। 
  ए मुसाफिर ।
     मैंने चलते हुए दिए देखे हैं ,,,
     राख में बैठते हुए ।। ,शमशान
न पूछ मेरे दर्द को।। 
  ए मुसाफिर ।
     मैंने चलते हुए दिए देखे हैं ,,,
     राख में बैठते हुए ।। ,शमशान
dikshantak7752

dikshant ak

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