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डॉ जयंतीलाल भंडारी ने देश में निजी निर्माण की संभा

डॉ जयंतीलाल भंडारी ने देश में निजी निर्माण की संभावना के आलोक में नए वैश्विक दुर्घटना का अलंकार किया है एक ऐसा दौर में जब दुनिया का चीन से मोह भंग हो रहा था तब भारत एक वैकल्पिक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होता दिख रहा था इसके लिए सरकारी उपाय भी सही दिशा में जा रहे थे उत्पादन आधारित प्रोत्साहन यानी पीएलआई जैसी योजना इसकी बड़ी मिसाल है साथ ही गतिशील व्यक्ति योजना और नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जैसी पहल भी आर्थिक गतिविधियों को कुछ संबल प्रदान करने वाली है अभी भी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है क्योंकि तमाम पूर्वी एशियाई देश उत्पादन के लिहाज से कुछ मामलों में भारत से अधिक प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं वह पहले से ही स्थापित उन्नत और उनके लिए सहायक सिद्ध हो रहे हैं ऐसे में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की चीन प्लस वन यानी चीन से उत्पाद केंद्र बनाने की योजना के लिहाज से यह देश भी आकर्षक बने हुए हैं

©Ek villain #friends #आर्थिक को बल देगा विनिर्माण
डॉ जयंतीलाल भंडारी ने देश में निजी निर्माण की संभावना के आलोक में नए वैश्विक दुर्घटना का अलंकार किया है एक ऐसा दौर में जब दुनिया का चीन से मोह भंग हो रहा था तब भारत एक वैकल्पिक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होता दिख रहा था इसके लिए सरकारी उपाय भी सही दिशा में जा रहे थे उत्पादन आधारित प्रोत्साहन यानी पीएलआई जैसी योजना इसकी बड़ी मिसाल है साथ ही गतिशील व्यक्ति योजना और नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी जैसी पहल भी आर्थिक गतिविधियों को कुछ संबल प्रदान करने वाली है अभी भी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है क्योंकि तमाम पूर्वी एशियाई देश उत्पादन के लिहाज से कुछ मामलों में भारत से अधिक प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं वह पहले से ही स्थापित उन्नत और उनके लिए सहायक सिद्ध हो रहे हैं ऐसे में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की चीन प्लस वन यानी चीन से उत्पाद केंद्र बनाने की योजना के लिहाज से यह देश भी आकर्षक बने हुए हैं

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Ek villain

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