#OpenPoetry कई खत भेजें हैं सूरज को नरमी दिखाने को चंदा को जल्दी से आने को दरख्तों को साथ निभाने को जवाब बड़े दिनों बाद आया कल, इंद्रधनुष के साथ हल्की बरसात के बाद कि नही रहा वेदना का सागर जो समेटे मुझे अपनी चौखटों के भीतर चिराग समझ जलाए हो जो बागों के बचपन, फिर से वापस जाओ बागों में आमों में छाँवों में #OpenPoetry #Nojoto #सूरज #KeNaShu