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होले होले काट प्रभु इन जख्मो के ये तार,

होले होले काट प्रभु इन जख्मो के ये तार,                                                                करत करत बिनती तेरे दर पे मोहे ,                                                                         साँझ से सुबहा हुई जात,                                    सहत सहत अब ई पीरा आँखन से नीर बहई बहई जात,                                                                कउन किनारे तरहु मोहे,                                                                                             सोचत सोचत जीवन के मोती इक इक कर के गुम हुई जात....                                                                                                         Written:- By Umesh kumar #बिनती
होले होले काट प्रभु इन जख्मो के ये तार,                                                                करत करत बिनती तेरे दर पे मोहे ,                                                                         साँझ से सुबहा हुई जात,                                    सहत सहत अब ई पीरा आँखन से नीर बहई बहई जात,                                                                कउन किनारे तरहु मोहे,                                                                                             सोचत सोचत जीवन के मोती इक इक कर के गुम हुई जात....                                                                                                         Written:- By Umesh kumar #बिनती