किसान का अनुरोध आसमां में घटा घणगोर छाई बरसे कोनी तो मतलब काई म्हारा इंद्र राजा बरस तो सही मांखा दुख दर्द न समझ तो सही करसा री व्यथा देखी न जाई तरस रिया थारे खातिर कद आई समय साग नहीं आवे तो मतलब काई आसमां में घटा घणगोर छाई बरसे कोनी तो मतलब काई अब तो हियों भी डरण लागरियो किसान थारी बाट जोवन लागरियो ज्यान - ज्यान कुआं सुखारिया त्यान- त्यान किसान डुबरिया आसमान म बिजलियां चालरी मांकी तो उम्मीदा ही हालरी अन्नदाता क घर मा अन्न की कमी पड़गी काई आसमां में घटा घनगोर छाई बरसे कोनी तो मतलब काई शिवराज खटीक किसान का अनुरोध