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पाक रूहानी रूह मीरा सी अल्लहड़ता तितली सी लगती, चा

पाक रूहानी रूह मीरा सी 
अल्लहड़ता तितली सी लगती,
चारु चंद्र  की चंचल की किरणे
लब पुलकित कली खिली सी लगती है II
               ****
चितवन में ख्वाब सुनहरे है कुछ 
कोई परी सी हर्षाई लगती है,
नैन नशीले बड़े कजरारे 
कपोल गुलाबी शबनमी भोर समाई लगती है II

©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप" #Chhavi  Anupriya  Sethi Ji  Anshu writer  Sarika Tyagi  Sudha Tripathi
पाक रूहानी रूह मीरा सी 
अल्लहड़ता तितली सी लगती,
चारु चंद्र  की चंचल की किरणे
लब पुलकित कली खिली सी लगती है II
               ****
चितवन में ख्वाब सुनहरे है कुछ 
कोई परी सी हर्षाई लगती है,
नैन नशीले बड़े कजरारे 
कपोल गुलाबी शबनमी भोर समाई लगती है II

©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप" #Chhavi  Anupriya  Sethi Ji  Anshu writer  Sarika Tyagi  Sudha Tripathi