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भूत के सिर पै ताण्डव भूत-प्रेत उससे हमेशा दूर भाग

भूत के सिर पै ताण्डव

भूत-प्रेत उससे हमेशा दूर भागता है,
भूल कर के भी नहीं नजदीक आता है।
कोई भी चुड़ैल या पिशाच नहीं तँग करे,
हर एक व्याधा से स्वयं बच जाता है।
हर एक भूतनी, पिशाचिनी, चुड़ैल को भी,
आर्यों के नाम से ही दौरा पड़ जाता है।
आर्य समाज की शरण जिसको मिली है,
भूत-प्रेत के सिरों पै ताण्डव मचाता है।।

-रोहित
भूत के सिर पै ताण्डव

भूत-प्रेत उससे हमेशा दूर भागता है,
भूल कर के भी नहीं नजदीक आता है।
कोई भी चुड़ैल या पिशाच नहीं तँग करे,
हर एक व्याधा से स्वयं बच जाता है।
हर एक भूतनी, पिशाचिनी, चुड़ैल को भी,
आर्यों के नाम से ही दौरा पड़ जाता है।
आर्य समाज की शरण जिसको मिली है,
भूत-प्रेत के सिरों पै ताण्डव मचाता है।।

-रोहित