कोई मिले ऐसा..... मै कहूं ठीक हूं तो समझे ठीक नहीं हूं वाले मौन अल्फाज़ को जो समझे मेरे दर्द को, मेरे जज़्बात को जो समझे मेरे चेहरे की हकीकत, वैसी नहीं हूं जैसी तुम्हें दिखती हूं, अपनी उलझनों को मैं बस खुद तक ही रखती हूं कोई मिले तो बता दूं उसे, बहुत कुछ है कहने को, कोई सुनें मेरी कोई सुनें जो समझे भी जो मेरी हंसी के पिछे छुपे उस चेहरे को पढ़ सकें जो न जाने कितने वर्षो से उदास और उलझा हुआ है। जिसने हंसने और हंसाने के बीच दर्द में चिखते चिल्लाते उस चेहरे को छुपा रखा है। जो सुनें मेरी कहानियां, जिसमे मुझ जैसी खुश रहने वाली लड़की को कितना तनहा बना रखा है। मै एक कहानी हूं शायद, जिसे पढ़ सभी लेते हैं, मगर समझ नहीं पाते उदास चेहरे को कोई नहीं पढ़ता मगर हंसता हुआ चेहरा कितना प्यारा लगता है न, यकिनन मेरा चेहरा भी महज औरों की खुशी में खुश होने के लिए ही बना है। ©ANKITA k jha #sadak #MeriKahani #udaas #mywords #thoughtoftheday poetry on love poetry sad poetry hindi poetry hindi poetry on life