पूछता हैं वो नन्हा बालक माता पिता से आँखो में आँसू लेकर एक बात, क्या ??हमारा कोई जुर्म हैं कि हमें नही मिलता कोई सम्मान और इतने बुरे हैं हमारे हालात, जब चौराहे पर वो मासूम फूल बेचता होगा,नंगे पांव उसका पैर जलता होगा, छोटी छोटी आँखो के भी क्या सपनें होंगे,वो तो छीन लिए गए जो कभी न पूरे होंगे, समय पर बर्तन साफ न होने पर वो मालिक जब चिल्लाता होगा, बुरे अपशब्दों से उसे न जाने क्या-क्या सुनाता होगा, मन में क्रोध तो काफी हैं पर लाचारी उनकी मुँह बंद कराती हैं, तरस खा कर कोई एक भला उनमें एक नई आस जगाता होगा, पर इतने बड़े संसार मे कहाँ वो मासूम का चेहरा याद रख पाता होगा, कुछ गैर संगठन संस्थान हैं जो देते हैं उनके सपनों को उड़ान, चलाते हैं नये नये प्रोजेक्ट औऱ अभियान, पर सच पूछो तो, वो यहाँ भी इन बाल मजदूर का लेकर नाम वसूलते हैं मुँह मांगा दाम, Part-1 #childlabour #childlabourday #hkkhindipoetry #yqbaba #यकबाबा #yourquotebaba #योरकोट_हिंदी #profoundwriters