सोच समझ़ कर हऱ एक़ लफ्ज़ बोलो! पता नहीं कौऩ सा किसे कब चुभ जाय़े! हऱ एक से ना तुम़ अप़ने राज़ खोलो! पत़ा नह़ीं कब कौऩ कैस़े बदल़ जाय़े! ××{{{®•©}}}×× #सोच समझ़ कर हऱ एक़ #लफ्ज़ बोलो! #पता नहीं कौऩ सा किसे कब चुभ जाय़े! #हऱ एक से ना तुम़ अप़ने #राज़ खोलो! #पत़ा नह़ीं कब कौऩ कैस़े #बदल़ जाय़े! #Love_you_zindgi