गांव से अलग जाता है हर मंजिल का रास्ता । एक दिल से जाता है दूसरे दिल का रास्ता । छोड़ रहे है साथ हर मोड़ पर अजीज हमारे , ये रास्तों की मुश्किलें है या मुश्किल का रास्ता । कोई तो मजबूरी होगी आ ना सके अगर हम , शायद भूल गये हो तेरी महफ़िल का रास्ता । भूल रहा हूं धीरे धीरे तुझको मेरी जिंदगी , यानी में अपना रहा हूं एक कातिल का रास्ता । ✍️विनोद #दोस्त #dost #pyar #jindgi #dil #love #lovestory #nozotopoem #status Yarti Sa