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मुझे.... Testimonial लिखना, पवित्र कर्म लगता है क्

मुझे....
Testimonial लिखना,
पवित्र कर्म लगता है
क्यूं??????? क्यूंकि इसमें,
एक स्वार्थ छिपा है,
इस स्वार्थ में सच्ची,
बहुत खुशी मिलती है,
अपनों के अपनेपन की,
मीठी धूप खिलती है,
अच्छी सोच सुगंधित है,
निष्पाप प्रेम की ज्योत है,
मुझे....
Testimonial लिखना,
पवित्र कर्म लगता है
क्यूं??????? क्यूंकि इसमें,
एक स्वार्थ छिपा है,
इस स्वार्थ में सच्ची,
बहुत खुशी मिलती है,
अपनों के अपनेपन की,
मीठी धूप खिलती है,
अच्छी सोच सुगंधित है,
निष्पाप प्रेम की ज्योत है,