Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक दिन लड़की मटर खा रही थी मटर में कीड़ा निकला उसन

एक दिन लड़की मटर खा रही थी
मटर में कीड़ा निकला
उसने मटर फेंक दी
और भाग खड़ी हुई
सबको अलग- अलग बताया
बाबा! 
मटर में इतना बड़ा कीड़ा था।
मां! मैं बच गई, मटर में कीड़ा निकला
लड़की की धड़कन बड़ी देर में शांत हुई।

एक दिन लड़की के सिर पर छिपकली गिरी
एक दिन आया पैर के नीचे मेंढ़क
एक दिन चढ़ा चुन्नी पर गिरगिट
एक दिन तो इतनी सी बात कि मकौड़े ने काट लिया
लड़की सारा दम लगा चिल्लाई
हर बात पर चिल्लाई
खूब जोर से चीखी
बाबा हर बार बोलते - 
छोरी! के तेरे काळा लड़ग्या।

फिर एक दिन ऐसा भी आया
लड़की को बड़े अजगर ने कस लिया
निगलकर उगला 
लड़की ने ना मां को कही
ना पिता को बताया कि जिंदगी में कोई अजगर आया है
वह बाहर नहीं कोने में भागी, फफक कर रोई
इतना फफकी कि कोई आवाज नहीं की
फिर इतना घुटी कि चिल्लाना, चीखना भूल गई।

©Shivangi Priyaraj
एक दिन लड़की मटर खा रही थी
मटर में कीड़ा निकला
उसने मटर फेंक दी
और भाग खड़ी हुई
सबको अलग- अलग बताया
बाबा! 
मटर में इतना बड़ा कीड़ा था।
मां! मैं बच गई, मटर में कीड़ा निकला
लड़की की धड़कन बड़ी देर में शांत हुई।

एक दिन लड़की के सिर पर छिपकली गिरी
एक दिन आया पैर के नीचे मेंढ़क
एक दिन चढ़ा चुन्नी पर गिरगिट
एक दिन तो इतनी सी बात कि मकौड़े ने काट लिया
लड़की सारा दम लगा चिल्लाई
हर बात पर चिल्लाई
खूब जोर से चीखी
बाबा हर बार बोलते - 
छोरी! के तेरे काळा लड़ग्या।

फिर एक दिन ऐसा भी आया
लड़की को बड़े अजगर ने कस लिया
निगलकर उगला 
लड़की ने ना मां को कही
ना पिता को बताया कि जिंदगी में कोई अजगर आया है
वह बाहर नहीं कोने में भागी, फफक कर रोई
इतना फफकी कि कोई आवाज नहीं की
फिर इतना घुटी कि चिल्लाना, चीखना भूल गई।

©Shivangi Priyaraj