5 वर्ष की आयु में 104 वर्ष के रामानंद जी को कबीर परमेश्वर ने अपनी शरण में लिया। वास्तविकता से परिचित कराया। रामानंद जी के शब्द:-
बोलत रामानन्द जी सुन कबिर करतार। गरीबदास सब रूप में तुमही बोलनहार।।
दोहु ठोर है एक तू, भया एक से दोय। गरीबदास हम कारणें उतरे हो मग जोय।।
तुम साहेब तुम सन्त हो तुम सतगुरु तुम हंस। गरीबदास तुम रूप बिन और न दूजा अंस।।
तुम स्वामी मैं बाल बुद्धि भर्म कर्म किये नाश। गरीबदास निज ब्रह्म तुम, हमरै दृढ विश्वास।। #प्रेरक