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सिर्फ मोमबत्तियां उपाय नही ऐसे राक्षसों का अंत हम

सिर्फ मोमबत्तियां उपाय नही ऐसे राक्षसों का अंत हम सबको मिलकर करना होगा।

                 #थीम_आजादी

सबकी नजरों में 1950 को आजाद हुए थे हम,
क्या? सच में भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं हम।

देख रहा हूँ नम आंखों से भारत का दुर्भाग्य,
अब सहन नही होता निर्भया,मनीषा का बलिदान।

आखिर कब तक मौन रहोगे? हे देवकीनंदन!,
क्या इनका संहार नही करोगे? हे रघुनन्दन!
ये वही पुण्य-भूमि है भारत-धरा तुम्हारी,
जहां लेकर अवतार दूर किये थे संकट भारी।

नेताओं से बचती नही अब बहन बेटी हमारी,
है कोई डूबा शक्ति के मद में कोई दौलत में।
अब रावण जैसे यहां नही पलते सच्चे अपराधी,
घर-घर में बैठें हैं दुःशासन और व्यभिचारी।।

नव-भारत में सच,समर्पण,कर्तव्य का घुट रहा दम,
मीडिया,पुलिस और न्यायपालिका हो गए बिकाऊ।
दसों दिशाएं अंधकारमय हो रक्षार्थ रोती पुकारती,
प्रतीक्षा न कराओं भारत मां के सदियों के रक्षक।।
    
                                   ✍️✍️✍️ #आलोक_अग्रहरि क्या सच मे आजाद हुए हैं हम
सिर्फ मोमबत्तियां उपाय नही ऐसे राक्षसों का अंत हम सबको मिलकर करना होगा।

                 #थीम_आजादी

सबकी नजरों में 1950 को आजाद हुए थे हम,
क्या? सच में भारत के स्वतंत्र नागरिक हैं हम।

देख रहा हूँ नम आंखों से भारत का दुर्भाग्य,
अब सहन नही होता निर्भया,मनीषा का बलिदान।

आखिर कब तक मौन रहोगे? हे देवकीनंदन!,
क्या इनका संहार नही करोगे? हे रघुनन्दन!
ये वही पुण्य-भूमि है भारत-धरा तुम्हारी,
जहां लेकर अवतार दूर किये थे संकट भारी।

नेताओं से बचती नही अब बहन बेटी हमारी,
है कोई डूबा शक्ति के मद में कोई दौलत में।
अब रावण जैसे यहां नही पलते सच्चे अपराधी,
घर-घर में बैठें हैं दुःशासन और व्यभिचारी।।

नव-भारत में सच,समर्पण,कर्तव्य का घुट रहा दम,
मीडिया,पुलिस और न्यायपालिका हो गए बिकाऊ।
दसों दिशाएं अंधकारमय हो रक्षार्थ रोती पुकारती,
प्रतीक्षा न कराओं भारत मां के सदियों के रक्षक।।
    
                                   ✍️✍️✍️ #आलोक_अग्रहरि क्या सच मे आजाद हुए हैं हम