उन्हें अपनी नफ़रत पे इतना भरोसा! वो कहतें हैं गांधी को जीने न देंगे! तुम्हे ख़ूं बहाकर मिला क्या ये सोचो? कफ़न तक तुम्हे ये कमीने न देंगे। लहू मांगती है सियासत अब उनकी, हमें मिलके पानी भी पीने न देंगे! सियासत में मक्कार सब रहनुमा हैं, नये ज़ख़्म देकरके सीने न देंगे। वो हिन्दू वो सिक्ख वो मुसलमां इसाई, हमें साथ मिलकर के् रहने न देंगे। #yqaliem #delhivoilence #siyasat