तुम इतने मासूम ऐ दोस्त, न देख सके उनकी तेज़ निगाहें, इतने ही कोमल हृदय के तुम, न आँक सके उनकी सख्त आहें। नादान सी है सोच तुम्हारी, सबको अच्छा व नेक दिल समझते, सह लेते कई बार दूसरों की गुस्ताखियाँ, और वे तुम्हारी अच्छाई को कमज़ोरी समझते, खेल लेते दिल से तुम्हारी कई अटखेलियाँ। तुम उदास न होना कतई कभी हो निराश, जो दूसरों के लिए गड्ढे खोदते हैं, अक्सर हो जाते हैं हताश, आँखें जो आज न देख सकीं, उम्र के साथ देख लेंगी खुदा की रंगरलियाँ। । आँखें न देख सकीं... #आँखेंनदेखसकीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi