राम मंदिर आंदोलन में एक भी ब्राह्मण दंगों में या पुलिस की गोली से नही मारा गया. आप मारे गए, ओबीसी एससी एसटी मरे ! अछूतों ने हिन्दू बनकर क्या क्या नही सहा रामलला के लिए. पढ़ाई लिखाई छोड़कर, काम धंदा त्यागकर कारसेवक बनकर अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर सीने में गोली खाई ! ब्राह्मणों को सत्ता मिली, राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में पद प्राप्त हुआ. लेकिन ओबीसी एससी एसटी को मिला ? कोरोना बीमारी और आर्थिक महासंकट काल में कल ब्राह्मणों के समूह ने तय किया राममंदिर पहले से अधिक बड़ा और भव्य बनाया जाएगा ! निर्णय करने वाले ब्राह्मण पदाधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं. 1)महंत नृत्य गोपाल दास - राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष 2)चंपत राय - महासचिव 3)गोविन्द देव गिरी 4)स्वामी परमानन्द 5)कामेश्वर चौपाल 6)डॉ अनिल मिश्रा 7)विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा 8)महंत दिनेन्द्र दास 9)अविनाश अवस्थी - अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी 10)अनुज झा - डीएम 11)कृष्ण गोपाल दास - आरएसएस प्रतिनिधि 12)नृपेंद्र मिश्रा - राम जन्मभूमि निर्माण अध्यक्ष 13)के के शर्मा - मंदिर सुरक्षा परिसर सलाहकार 14)कमल नयन दास 15)जगतगुरु वासुदेवानंद सरस्वती 16)स्वामी विष्णु प्रसंतीर्थ महाराज 17)के परासरन इन नामो में कोई यादव, पटेल, मौर्य, तेली, रजक, जाटव, पासवान सरनेम नही मिलेगा. जिन्हें हिन्दू होने का गुमान रहता है. ओबीसी एससी एसटी को हिन्दू कहा जाता है तो इन्हें क्यों नही राममंदिर निर्माण ट्रस्ट में शामिल किया गया. आबादी के लिहाज से 85% पद इसी वर्ग के पास होना चाहिए था और बाकी 15% ब्राह्मण ठाकुरों के पास ! ओबीसी एससी एसटी हिन्दू धर्म में बंधुआ मजदूर हैं. सांप्रदायिक हिंसा और वोट की खातिर ब्राह्मणों ने हिन्दू बनाया है ! kranti kumar #leaf राम मंदिर आंदोलन में एक भी ब्राह्मण दंगों में या पुलिस की गोली से नही मारा गया. आप मारे गए, ओबीसी एससी एसटी मरे ! अछूतों ने हिन्दू बनकर क्या क्या नही सहा रामलला के लिए. पढ़ाई लिखाई छोड़कर, काम धंदा त्यागकर कारसेवक बनकर अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर सीने में गोली खाई ! ब्राह्मणों को सत्ता मिली, राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में पद प्राप्त हुआ. लेकिन ओबीसी एससी एसटी को मिला ? कोरोना बीमारी और आर्थिक महासंकट काल में कल ब्राह्मणों के समूह ने तय किया राममंदिर पहले से अधिक बड़ा और भव्य बनाया जाएगा !