मुक्कदर हम बनाते हैं मश्कत से अपनी दूसरे तो जलते हैं तरक़्क़ी से अपनी। किस्मत सँवर जाए तो बातें बनाने वाले तुम्हारी बात करते हैं। हिम्मत हौसले से तुम कामयाब बनो ठोकर पे रखते थे जो वो भी कदम चूमते हैं। एकजुट होकर रहो आगे बढ़ो झुकते हैं दुश्मन ताकत से तुम्हारी बी डी शर्मा चंडीगढ़ एकता