इश्क़ में एक इबादत भी कुफ्र से बडा गुनाह हो गया तेरी चाहत में ये दिल नाजाने कब-कैसे फना हो गया। चंद सी बातो से हमे लगा चाँद सा होगा तेरा किरदार ये ठंडा चाँद कब एक जलती सी कोई शमा हो गया।। ग़ालिब कहते थे कि इश्क एक आग का दरिया है सनम ये दरिया मुझे कब संग मैं ले डुबा और कब धुँवा हो गया मोहोब्बत आसाँ नही किताबों में बहुत पढ़ा था हमने भी इश्क़ नामुनकिन सा,नफरतों का रिश्ता आसाँ हो गया।। #gif ushq me ek ibadat #arvind