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क्या गजब बेबसी देखी मैंने देख के मानो थम सी गई मं

क्या गजब बेबसी देखी मैंने
देख के मानो थम सी गई 
मंजिल मिले वो मुक़दर की बात पर
कोशिश करने का जो हक़ था वो भी ना दिया 
ना बेबस थी ना लाचार थी, वो तो थी मजबूर 
हारना तब जरुरत हो जाती है
जब लड़ाई अपनों से हो 
जिन हाथों से कलम
मोतियों समान पंक्तियाँ लिख सकती थी
उन हाथों मे जिम्मेदारी थमा दी

©Shikha Srivastava
  #jivan