कहती है खामोशी , चुपके से कान में, क्या सिर्फ वही रहता है तेरे ध्यान में, दिल लगाना है तो कोई बावफ़ा तलाश कर, क्या एक ही शक़्स था जहान में! faizu ansari dard bhare alfaz