ख़ुशी और ग़म जीवन पथ समागम हो ज्यादा और कम अतिरेक में होते नम या जाता मन सहम एकलहरी भाव वहम चक्र न जाता थम है दर्द तो है मरहम है गर्त तो है परचम आश रखते हरदम #ख़ुशी और ग़म खिचड़ी ।