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डिप्रेशन और आत्महत्या बहुत दिनों से सोच रहा था कि

डिप्रेशन और आत्महत्या

बहुत दिनों से सोच रहा था कि इस विषय में किससे बात करूं पर कोई मिलता ही नही तो सोचा चलो आज खुलकर अपने विचार रख लूं , आज भी लोग ये मानने को तैयार नही है कि उन्हें डिप्रेशन परेशान कर रहा है जिंदगी को जीने की जदोजहद में हम स्वयं कौन है भूल गए और ख्वाहिशे और समाज में बने रहना आसान कहाँ पर नही हमे तो सब पाना है सब कर लेंगे हम, चाहे कीमत कुछ भी हो पर खुद से कभी किसी से कुछ नही कहेंगे हम, फिर अचानक एक दिन सिर दर्द और फलाना फलाना ,,, पर कुछ कहाँ कहेंगे हम,

ऐसे ही न्यूज़ देखते हुए बड़ा दर्द और तकलीफ होती हैं जब देखता हूँ फलां ने आत्महत्या कर ली,,, स्तब्ध रह जाता हूँ ,,,आखिर क्यों ? ऐसा क्या हुआ ? इतनी निराशा क्यों ? पर कोई तब भी नही कहेगा ,,,की हां है तकलीफ जीना चाहता हूं चैन से रहना चाहता हूं और कोई बात करने वाला चाहिए मुझे ताकि सिर रख कर रो लूं और भड़ास निकल जाए , कोई बताये की में अकेला नही हूँ कुछ लोग अब भी बचे है जिनका हाँथ थाम सकता हूँ मैं ,,,हां जीवन से लड़ सकता हूँ मैं ,,,समस्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो वो मनुस्य से जीत नही सकती और हम सदियों से आविष्कारक रहे है ये छोटी मोटी समस्या हमारा कुछ नही बिगाड़ सकती,, बस धैर्य रखना और बाते करते रहना ,,,, हमेशा सुकून भी मिलेगा और साथ भी ,,,, आत्महत्या मत करना कभी भी कुछ तकलीफ हो कह देना ,,,, हर वक़्त है साथ तेरे मेरे यार,मित्र . डिप्रैशन और आत्महत्या
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डिप्रेशन और आत्महत्या

बहुत दिनों से सोच रहा था कि इस विषय में किससे बात करूं पर कोई मिलता ही नही तो सोचा चलो आज खुलकर अपने विचार रख लूं , आज भी लोग ये मानने को तैयार नही है कि उन्हें डिप्रेशन परेशान कर रहा है जिंदगी को जीने की जदोजहद में हम स्वयं कौन है भूल गए और ख्वाहिशे और समाज में बने रहना आसान कहाँ पर नही हमे तो सब पाना है सब कर लेंगे हम, चाहे कीमत कुछ भी हो पर खुद से कभी किसी से कुछ नही कहेंगे हम, फिर अचानक एक दिन सिर दर्द और फलाना फलाना ,,, पर कुछ कहाँ कहेंगे हम,

ऐसे ही न्यूज़ देखते हुए बड़ा दर्द और तकलीफ होती हैं जब देखता हूँ फलां ने आत्महत्या कर ली,,, स्तब्ध रह जाता हूँ ,,,आखिर क्यों ? ऐसा क्या हुआ ? इतनी निराशा क्यों ? पर कोई तब भी नही कहेगा ,,,की हां है तकलीफ जीना चाहता हूं चैन से रहना चाहता हूं और कोई बात करने वाला चाहिए मुझे ताकि सिर रख कर रो लूं और भड़ास निकल जाए , कोई बताये की में अकेला नही हूँ कुछ लोग अब भी बचे है जिनका हाँथ थाम सकता हूँ मैं ,,,हां जीवन से लड़ सकता हूँ मैं ,,,समस्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो वो मनुस्य से जीत नही सकती और हम सदियों से आविष्कारक रहे है ये छोटी मोटी समस्या हमारा कुछ नही बिगाड़ सकती,, बस धैर्य रखना और बाते करते रहना ,,,, हमेशा सुकून भी मिलेगा और साथ भी ,,,, आत्महत्या मत करना कभी भी कुछ तकलीफ हो कह देना ,,,, हर वक़्त है साथ तेरे मेरे यार,मित्र . डिप्रैशन और आत्महत्या
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