ये शहर नकाबो की भरमार रखता है.. यहां आइना भी जुदा किरदार रखता है..!! स्याही और सफहों की जरुरत नहीं.. हर शख्स होठो पे अखबार रखता है..!! पहचानोगे भला कैसे किसी को हुज़ूर.. चेहरे पे हँसी..जेहन में खार रखता है..!! फूलो की कब्र पे मकान खड़ा किया.. कहता है तितलियों से प्यार रखता है..!! दोपहर आऊँगा बोल गया था घर से.. रात हुई नादाँ अब भी इंतज़ार रखता है..!! चूल्हा जलाने को तीली भी नहीं..जाने.. कैसे अब भी खुद को ईमानदार रखता है..!! भाने लगी है आदते उस फ़कीर की मुझे.. ठेंगे पे शोहरत ठोकरों पे संसार रखता है..!! मुरीद हूँ उस बाप का..हाथो के छाले में.. जो गढ़ कर बच्चों के त्यौहार रखता है..!! ज़िंदा लाश से लगते है सभी..जिसे देखो.. जिस्म में कैद रूह का मज़ार रखता है..!! #yqdidi #yqbaba #naqaab #reality #doubleface