किस जन्म की ,कैसी रिवाज रीती, वे युगल न जाने क्यों,नये साथ गढ़ रहे.. भाव मिला नहीं ,ह्रदय सुलगा नहीं, तन सुलगाने की विधि वो निभा रहे.. आंखों में वो चमक नहीं , बातों में खनक नहीं, जाने कौन सी प्रीत बस वो निभा रहे... विचार कभी मिले नहीं, दिल कभी खिले नहीं, एक दूजे के साथ बस जिंदगी बेनाम गुजार रहे... #रिवाज़ #रीति_रिवाज #हृदयविहीन #व्यथा किसीकी मैने बीस साल पहले देखी थी, एक कोशिश कविता के माध्यम से…. उम्मीद है आज किसी युगल के साथ ऐसा न हो🙏 #yqdeepthoughts #yqlife #tulikagarg