चंचल इन हवाओं से पूछा उमड़ती इन घटाओं से पूछा प्यासी इन निगाहों से पूछा बहकती इन अदाओं से पूछा कि तुझसे मिलने की ख्वाहिश से पूछा हर उस आजमाइश से पूछा पूछा हमने हर गली चौराहे से तुझ तक आने वाली हवाओं से पूछा खयाल तेरा ही करते रहे बस याद तुझे ही करते रहे बस मुकम्मल होने वाली दुआओं से पूछा धड़नकने बढ़ाती उन तमन्नाओं से पूछा कि तेरी चाहत में फ्नाह हो जाना है या अभी थोडा खुल के मुस्कुराना है । हर उस लम्हे से पूछा दूर जा रही उन ह्सरतो से पूछा पैगाम तेरा वह लाई है क्या कि पैगाम तेरा वह लाई है क्या तुझसे मिलकर वह आई है क्या।। ©rooh #Thoughts #Nojoto #Love #Trending #EXPLORE #Thoughts #nazam #Poetry #Ka