यूं ही तो नहीं आंख में पानी आता है दर्द बढ़ने पे कहा नहीं जाता है यूं ही नहीं पलके रों कर थक जाती है कुछ पल के लिए ही सही सांसे रुक सी जाती है यूं ही तो नहीं अकेलापन महसुस होता है उदासियो ने हर तरफ से क्यों घेरा होता है यूं ही हजारों सवाल दिल में नहीं होते क्यों नहीं समझते लोग हम यूं ही नहीं रोते ©Sang Raj yun hi nahi