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#क्रान्ति और #भ्रान्ति कभी भी हो सकती हैं - क्रान्

#क्रान्ति और #भ्रान्ति कभी भी हो सकती हैं - क्रान्ति का जनक ‘आक्रोश’ होता है तो भ्रान्ति का जनक ‘अज्ञान’ - क्रान्ति 'विचार' की पक्षधर होती है तो भ्रान्ति 'व्यक्ति' की - क्रान्ति 'परिष्का'र की प्रक्रिया है तो भ्रान्ति 'तिरस्कार' का कारण .... क्रान्ति और भ्रान्ति इन दोनों में ही हमें प्रभावित करने की विकट क्षमता होती है, इसलिए कुछ क्रान्ति के जनक होना पसन्द करते हैं तो कुछ को भ्रान्ति पैदा करके सुख प्राप्त होता है ...... अमूमन क्रान्ति सत्य के प्रति हमारे आग्रह का परिणाम होती तो भ्रान्ति झूठ को ही सत्य मान लेने के कारण उत्पन्न हो जाती है ... अब ये हमारे ऊपर है की हम क्रान्ति के पक्ष में खड़े हों या भ्रान्ति के, किन्तु स्मरण रखिए - क्रान्ति की भ्रान्ति होना या भ्रान्ति को ही क्रान्ति मान लेना दो अलग बातें हैं !!! #Star
#क्रान्ति और #भ्रान्ति कभी भी हो सकती हैं - क्रान्ति का जनक ‘आक्रोश’ होता है तो भ्रान्ति का जनक ‘अज्ञान’ - क्रान्ति 'विचार' की पक्षधर होती है तो भ्रान्ति 'व्यक्ति' की - क्रान्ति 'परिष्का'र की प्रक्रिया है तो भ्रान्ति 'तिरस्कार' का कारण .... क्रान्ति और भ्रान्ति इन दोनों में ही हमें प्रभावित करने की विकट क्षमता होती है, इसलिए कुछ क्रान्ति के जनक होना पसन्द करते हैं तो कुछ को भ्रान्ति पैदा करके सुख प्राप्त होता है ...... अमूमन क्रान्ति सत्य के प्रति हमारे आग्रह का परिणाम होती तो भ्रान्ति झूठ को ही सत्य मान लेने के कारण उत्पन्न हो जाती है ... अब ये हमारे ऊपर है की हम क्रान्ति के पक्ष में खड़े हों या भ्रान्ति के, किन्तु स्मरण रखिए - क्रान्ति की भ्रान्ति होना या भ्रान्ति को ही क्रान्ति मान लेना दो अलग बातें हैं !!! #Star