कहते है कि अच्छा सोचने से अच्छा होता है बुरा सोचने से बुरा ही होता है कब होता है कैसे होता है यह वक्त ही तय करता है पर अक्सर तो अच्छे के साथ बुरा और बुरे के साथ अच्छा ही होते देखा है पर यह महसूस कब होता हमे जब हमारे साथ होता है क्योंकि उस समय हम अपनी तकलीफ़ देखते हैं और हम दूसरों से उम्मीद कर बैठते हैं और उम्मीद तो होती ही है टूटने के लिए और वो गलत समय पर गलत लोगों से लगा बैठते हैं इसलिए कहा हैं की खुद पर ही विश्वास करे क्योंकि कोई सहारा तो दे सकता है पर चलना ख़ुद को ही पड़ता है वक्त उस समय सबको पहचाने मे मदद करता है ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कोन अपना कोन पराया #Thoughts