आज रात बैठे थे हम जामुन की छाँव मे। फिर क्या था तेरी बो वात निकल आई आधी सी रात मे।। हम भी क्या पागल थे तुझ पर भरोसा कर बैठे ।। और फस गये झूठे कागज की बात मे।।।। mercury