खूं और गोश्त? क्या तुमने वो कतरन देखे हैं, जो अपने फ़ायदे के लिये काटे , तुम्हारा काम तराशने का था, तुम खो गये हो बनाने में, पूरी तरह से खो जाओगे, तुम इन कतरनों की वजह से, जब कोई बचेगा नहीं, तो क्या करोगे बनाये नये नामों का, ख़ुद को संगतराश बनालो, ख़ुद इमारतें सजदे में होंगी, वरना सारे गुंब-नार तुम्हारे खिलाफ़ लड़ेंगी, और लड़ के क्या हासिल कर पाओगे? खूं और गोश्त? ✍महफूज़ © रेड कार्पेट