अलविदा मुश्किल है अपना मेल प्रिये 😞 . READ CAPTION 👇👇 . ©Mahboob king_Khan तुम फ़ौजी अफ़सर की बेटी, मैं तो किसान का बेटा हूँ, तुम राबड़ी खीर मलाई हो, मैं तो सत्तू सप्रेटा हूँ, तुम ए. सी. घर में रहती हो, मैं पेड़ के नीचे लेटा हूँ, तुम नई मारुति लगती हो, मैं स्कूटेर लंबरेटा हूँ, इस कदर अगर हम चुप-चुप कर आपस मे प्रेम बढ़ाएँगे, तो एक रोज़ तेरे डैडी अमरीश पुरी बन जाएँगे, सब हड्डी पसली तोड़ मुझे भिजवा देंगे वो जेल प्रिये, मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये