।। विचार कर्णिका ।। आज कल संसार में यथार्त् का वातावरण भिन्न है, क्योंकि देखा जाए तो थोड़ी संवेदन शीलता तो है, किंतु उसका प्रतिस्थापन नहीं है। ये बहुत बड़ा दुखात विषय है, और होना भी चाहिए, किंतु क्या थोथी संवेदना से उसका दुःख कम हो सकता है या फिर उसके कष्ट का निवारण है, तो मुझे बताइए ताकि में भी यह अपना सकूं। यदि उसके साथ खड़े नहीं हो सकते तो अपनी थोड़ी संवेदना मत दीजिए, उससे तो वो यूं ही अच्छा है, खैर मानव की रीत मानव ही जाने... बाकी तो don't worry bol hari..... योगेश कुमार मिश्र"योगी" ©Yogesh Kumar Mishra"yogi #हिंदी_साहित्यकार #हिंदी_साहित्य #विचार_कर्णिका