*✍🏻“सुविचार"*📝 💫 *“26/9/2021”*✨ 📘 *“रविवार”*📚 “मनुष्य” जन्म लेता है और उसके साथ ही भय भी “जन्म” लेता है “बचपन” से ही हमारे “मन” में किसी न किसी प्रकार का “भय” रहता ही है, किसी को यह “भय” है कि मुझसे मेरी यह “वस्तु” दूर न चली जाए, किसी को इस बात का “भय” है कि मैं “स्वयं को खो” दूंगा, किसी को इस बात का “भय” है कि मेरे जो “प्रियजन” है वो मुझसे दूर न चले जाए, किसी को इस बात का भय है हम कही “मार्ग” न भटक जाए आदि इत्यादि... किंतु सत्य कहा जाए तो यह भय का “वास्तविक रूप” है क्या? बस एक “मनःस्थिति” है और कुछ नहीं, जो कुछ भी आपने “जीवन” में पाया उसे तो “खोना” ही है, ये जो जीवन आपका है इसका भी कभी “अंत” होना ही है, तो इस “भय” का क्या रहा तो “भय” क्या कर रहा है ये तो बस आपको “जीवन” जीने से रोक रहा है, “मार्ग भटक” जाओगे तभी तो ज्ञात करना है कि “नया मार्ग” कैसे ढूंढना है,कुछ “लोगों” को “जीवन” से खो दोगे तभी तो ज्ञात होगा कि आपके अपने कौन है, तो इस “भय से भयभीत” मत होइए, ये “तारे” ✨ भी बिना अंधकार के “महत्वहीन” है, “शिव” को भी “महादेव” बनने के लिए “विष” पीना पड़ा था, हर “स्तिथि”,हर “सफलता” आपकी “परिक्षा” लेती है उसमें “उत्तीर्ण” होना आपका “कार्य” है जब भी आपके समक्ष भय आए, कोई “संकंट” आए तो डटकर उसका सामना किजिए, स्मरण रखिए जो “सामना” करता है “सफलता” उसी के सामने आती है... *“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 💫 *“26/9/2021”*✨ 📘 *“रविवार”*📚 #“मनुष्य” #“जन्म”