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वाकिफ हूँ मैं उनके हर झूठ से बस देखना चाहती हूँ वो

वाकिफ हूँ मैं उनके हर झूठ से बस देखना चाहती हूँ वो  और कितने झूठ बोल सकते हैं।मेरी नजरों से तो वो बहुत पहले हीं गिर चुके थे बस देखना ये है वो खुद कि नजरों में कब गिरते हैं।। khud ki najro me kab girte hai?
वाकिफ हूँ मैं उनके हर झूठ से बस देखना चाहती हूँ वो  और कितने झूठ बोल सकते हैं।मेरी नजरों से तो वो बहुत पहले हीं गिर चुके थे बस देखना ये है वो खुद कि नजरों में कब गिरते हैं।। khud ki najro me kab girte hai?