#पापा उंगली पकड़कर चलना सिखाया, कंधे पर बैठा कर शहर है घुमाया, आप को पाकर लगता है ऐसा, आपके रूप में प्रभु को है पाया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. धूप में मेरी छाया बने हो, मुसीबत में बने मेरा सहारा, आपका जो मिला मुझे साथ, निखिल फिर कभी नहीं हारा आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. हर सपनों को मेरे पूरा है किया, जो चाहिए था बिन मांगे हैं दिया, आई जो मुझ पर कभी कोई आंच, उसको आप ने अपने सर है लिया| आप ही तो मेरी जिंदगी हो, ओ मेरे पापा, पापा पापा मेरे पापा, Mere Papa. Papa mere papa.. ©शर्मा निखिल #foryoupapa हिंदी कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कोश