कोई मजूरी नहीं , अपनी मर्जी से सिंगल है, चूल्हे पे आग-पानी , पतीले वाली परम्परा है, कडक होने मे लगी उसके अन्दर की गरमी है, अब हम बनाने वाले के मरजी से कुल्हड मे हैं । कुछ #गलत हो तो #सही #जरूर करें, मै #लेखकों मे प्रथम #इकाई .. #god #blasse me #haq #se #single