//करोना का कहर// करोना को गंभीर ना लिया देखो हुआ राक्षस खुँखार, अभी भी मानो सारी हिदायतें!....... ना करो टकरार, कैसी महामारी है आई हर दवा का असर है सिफर, बचाव में ही बचाव है बाकी सब है बेअसर, एहतियात हर कोई बरत रहा फिर भी हर तरफ मौत का है मंजर, कई परियोजनाओं के बाद भी प्रशासन नाकाम है, क्यों है जर्जर, अस्पतालों में मरीजों की लगी होड़, चढ़ा जो ज़रा सा बुख़ार, ऐसे में चरितार्थ हुए कहावत जैसे एक अनार सौ बीमार, करोना का कहर , दिन-ब-दिन रोज़ बढ़ता हुआ आ रहा है नज़र, शुद्ध वातावरण करते दहर को मनुष्य काट बना रहा जमीं को बंजर। सारे कामकाज हुए ठप,स्कूल हुए बंद, प्रभावित हुआ व्यापार हुए अपने घरों में ही बंद, देखो सब!........ बैठे हुए हैं बेकार। पहली ही प्रदूषण कम था जो यह बीमारी का फैल रहा है ज़हर, सुनो सब नजरअंदाज ना करो इसको बरतो सावधानी हर पहर, डॉक्टर और नर्स सब लगे हुए हैं इस बीमारी से!..... लड़ने को, मास्क को पहन, सैनिटाइजर को बरत करे हम उपाय बचने को। चलो हम सब मन में ठान लो करोना महामारी को जड़ से मिटाना है, घर से बे बजह बाहर निकलना नहीं सारी सावधानियां बरतना है, इसको जड़ से मिटाने के लिए अब हम सब हैं अब सीना- सिफ़र। रचना:8/30 19.04.2021 #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2021 #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkकोरोनाकाकहर