अब नहीं बोलोगे.. सेकुलरिज्म का जहर नहीं तुम घोलोगे.. अलीगढ़ में मासूम की अस्मत पर प्रहार को तुम भला क्यों डोलोगे.. अब मर गई तुम्हारी अयारी... अब दिख रही तुम्हारी मक्कारी... दिल्ली में अफवाहों पर तुम सरकारी बसों को फूंकोगे... मगर अफसोस मुझे बस इतना है तुम अलीगढ़ पर कुछ नहीं बोलोगे।। ये कैसा सेकुलरिज्म का मुखोटा है!