कर्ण पांडवों में था नहीं वो कौरवों की ढाल था शूर वीर था बड़ा वो सबसे बेमिसाल था आंधियों से लड़ पड़े उसमें बल कमाल था पर उसे कोई समझ न पाया क्यूं सदैव अछूत कहलाया ऐसी है कर्ण की गाथा वचन जो दे तो उसे निभाता योद्धा था वो बड़ा महान् इंद्र भी मांगे जिससे दान ©Prashant #कर्ण