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औरत की दास्तां तमाम बंदिशें मिलीं जन्म के साथ मुझ

औरत की दास्तां

तमाम बंदिशें मिलीं जन्म के साथ मुझे
ऐसे नहीं वैसे रहो
वहाँ नहीं यहाँ बैठो 
अकेले नहीं किसी को साथ लेकर 
घर से बाहर निकलो
दिन ढलने से पहले घर आ जाओ
ऊंची आवाज़ में बोलना 
 जोर से हँसना 
लड़कियों को शोभा  देता है क्या?
कोई देखेगा तो क्या कहेगा?
तमीज़ सीख लो 
पराये घर जाना है
नसीहत ही किताब 
थमाई हुई है
रवायतों की बेड़ियों में जकड़ी
लड़कियां जबान नहीं लड़ातीं
जितना कहा जाये 
उतना सुनो
हम तुम्हारा भला चाहते हैं
ताकि तुम खुश रहो
 सुरक्षित तो हम घर में भी नहीं
अगर ये कहूँ 
तो कौन यकीऩ करेगा ?

© करिश्मा राठौर #औरत_की_दास्तां
औरत की दास्तां

तमाम बंदिशें मिलीं जन्म के साथ मुझे
ऐसे नहीं वैसे रहो
वहाँ नहीं यहाँ बैठो 
अकेले नहीं किसी को साथ लेकर 
घर से बाहर निकलो
दिन ढलने से पहले घर आ जाओ
ऊंची आवाज़ में बोलना 
 जोर से हँसना 
लड़कियों को शोभा  देता है क्या?
कोई देखेगा तो क्या कहेगा?
तमीज़ सीख लो 
पराये घर जाना है
नसीहत ही किताब 
थमाई हुई है
रवायतों की बेड़ियों में जकड़ी
लड़कियां जबान नहीं लड़ातीं
जितना कहा जाये 
उतना सुनो
हम तुम्हारा भला चाहते हैं
ताकि तुम खुश रहो
 सुरक्षित तो हम घर में भी नहीं
अगर ये कहूँ 
तो कौन यकीऩ करेगा ?

© करिश्मा राठौर #औरत_की_दास्तां