क्या तुम वही हो.. मेरी नींदों में जो छुप छुप के आता रहा है, जो साँसों में चुप चुप के गाता रहा है मेरे अनछुए ज़िस्म को जिसका साया, बड़े प्यार से छू के जाता रहा है क्या तुम वही हो.. मैं जिसके लिए फूल चुनती रही हूँ, जिसके लिए तमन्नाओ के हार बुनती रही हूँ धड़कते हुए दिल में है जिसकी सरगम, जिसकी के लिए ही गीत गाती रही हूँ क्या तुम वही हो.. वो सूरत जो दिल में मचलती रही है, निगाहो में करवट बदलती रही है क्या तुम वही हो.. #क्यातुमवहीहो #love #life #suchitapandey #सुचितपाण्डेय #yqbaba #yqdidi #yqquotes क्या तुम वही हो.. मेरी नींदों में जो छुप छुप के आता रहा है, जो साँसों में चुप चुप के गाता रहा है